Bhagwat Geeta
    September 2, 2024

    भगवद गीता: अध्याय 4, श्लोक 16

    किं कर्म किमकर्मेति कवयोऽप्यत्र मोहिताः।तत्ते कर्म प्रवक्ष्यामि यज्ज्ञात्वा मोक्ष्यसेऽशुभात् ॥16॥किम्-क्या है; कर्म-कर्म किम्-क्या है; अकर्म…
    Hindu Deities
    July 4, 2024

    मां लक्ष्मी: समृद्धि और सौभाग्य की देवी

    परिचय हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे धन, समृद्धि और…
    Bhagwat Geeta
    June 17, 2024

    भगवद गीता: अध्याय 1, श्लोक 11

    अयनेषु च सर्वेषु यथाभागमवस्थिताः।भीष्ममेवाभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव हि ॥11॥ अयनेषु–निश्चित स्थान पर; च-भी; सर्वेषु सर्वत्र;…
    Bhagwat Geeta
    August 16, 2024

    भगवद गीता: अध्याय 3, श्लोक 24

    उत्सीदेयुरिमे लोका न कुर्यां कर्म चेदहम् ।सङ्करस्य च कर्ता स्यामुपहन्यामिमाः प्रजाः ॥24॥उत्सीदेयुः नष्ट हो जाएंगें;…
    Bhagwat Geeta
    August 22, 2024

    भगवद गीता: अध्याय 3, श्लोक 40

    इन्द्रियाणि मनो बुद्धिरस्याधिष्ठानमुच्यते ।एतैर्विमोहयत्येष ज्ञानमावृत्य देहिनम् ॥40॥ इन्द्रियाणि-इन्द्रियाँ; मन:-मन, बुद्धिः-बुद्धिः अस्य-इसका; अधिष्ठानम्-निवासस्थान; उच्यते-कहा जाता है;…
    Bhagwat Geeta
    August 3, 2024

    भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 67

    इन्द्रियाणां हि चरतां यन्मनोऽनुविधीयते।तदस्य हरति प्रज्ञां वायु वमिवाम्भसि ॥67॥इन्द्रियाणाम् इन्द्रियों के हि-वास्तव में; चरताम्-चिन्तन करते…
    Hindu Deities
    July 20, 2024

    गाय की पूजा: भारतीय संस्कृति में एक पवित्र परंपरा

    भारतीय संस्कृति में गाय को माता के समान माना जाता है। हिंदू धर्म में गाय…
    Bhagwat Geeta
    September 25, 2024

    भगवद गीता: अध्याय 5, श्लोक 22

    ये हि संस्पर्शजा भोगा दुःखयोनय एव ते ।आद्यन्तवन्तः कौन्तेय न तेषु रमते बुधः ॥22॥ ये-जो;…
    Bhagwat Geeta
    September 20, 2024

    भगवद गीता: अध्याय 5, श्लोक 12

    युक्तः कर्मफलं त्यक्त्वा शान्तिमाप्नोति नैष्ठिकीम् ।अयुक्तः कामकारेण फले सक्तो निबध्यते ॥12॥युक्तः-अपनी चेतना को भगवान में…
    Bhagwat Geeta
    August 12, 2024

    भगवद गीता: अध्याय 3, श्लोक 15

    कर्म ब्रह्योद्भवं विद्धि बह्माक्षरसमुद्भवम् ।तस्मात्सर्वगतं। ब्रह्म नित्यं यज्ञे प्रतिष्ठितम् ॥15॥कर्म-कर्त्तव्यः ब्रह्म-वेदों में; उद्भवम्-प्रकट; विद्धि-तुम्हें जानना…
      Bhagwat Geeta
      October 17, 2024

      भगवद गीता: अध्याय 6, श्लोक 36

      असंयतात्मना योगो दुष्प्राप इति मे मतिः ।वश्यात्मना तु यतता शक्योऽवाप्तुमुपायतः ॥36॥ असंयत-आत्मना-निरंकुश मनवाला; योग:-योग; दुष्प्रापः-प्राप्त करना कठिन; इति–इस प्रकार; मे-मेरा;…
      Bhagwat Geeta
      October 17, 2024

      भगवद गीता: अध्याय 6, श्लोक 35

      श्रीभगवानुवाच।असंशयं महाबाहो मनो दुर्निग्रहं चलम् ।अभ्यासेन तु कौन्तेय वैराग्येण च गृह्यते ॥35॥ श्रीभगवान् उवाच-भगवान ने कहा; असंशयम् निस्सन्देह; महाबाहो-बलिष्ठ भुजाओं…
      Bhagwat Geeta
      October 16, 2024

      भगवद गीता: अध्याय 6, श्लोक 34

      चञ्चलं हि मनः कृष्ण प्रमाथि बलव ढम् ।तस्याहं निग्रहं मन्ये वायोरिव सुदुष्करम् ॥34॥चञ्चलम्-बैचेन; हि-निश्चय ही; मनः-मन; कृष्ण-श्रीकृष्ण प्रमाथि–अशान्त; बल-वत्-बलवान्; दृढम्…
      Bhagwat Geeta
      October 16, 2024

      भगवद गीता: अध्याय 6, श्लोक 33

      अर्जन उवाच।योऽयं योगस्त्वया प्रोक्तः साम्येन मधुसूदन।एतस्याहं न पश्यामि चञ्चलत्वात्स्थितिं स्थिराम् ॥33॥ अर्जुन उवाच-अर्जुन ने कहा; य:-जिस; अयम्-यह; योग:-योग की पद्धति;…
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      The Mighty Incarnations of Lord Shiva: Unveiling the Power of Hanuman