Hindu Deities
July 14, 2024
शिव और पार्वती का मिलन: एक अद्भुत प्रेम कथा
प्राचीन हिंदू पौराणिक कथाओं में शिव और पार्वती का मिलन एक ऐसी कहानी है जो…
Hindu Deities
July 17, 2024
गणेश जी की पत्नी: रिद्धि और सिद्धि
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, गणेश जी की दो पत्नियाँ हैं – रिद्धि और सिद्धि।…
Bhagwat Geeta
August 1, 2024
भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 64
रागद्वेषवियुक्तैस्तु विषयानिन्द्रियैश्चरन्।आत्मवश्यैर्विधेयात्मा प्रसादमधिगच्छति ॥64॥राग–अनुरागद्वेष-विमुखता; वियुक्तेः-मुक्त; तु-लेकिन; विषयान्–इन्द्रिय विषयों को; इन्द्रियैः-इन्द्रियों द्वारा; चरन्-भोग करते हुए; आत्मवश्यैः-मन…
Bhagwat Geeta
October 14, 2024
भगवद गीता: अध्याय 6, श्लोक 31
सर्वभूतस्थितं यो मां भजत्येकत्वमास्थितः।सर्वथा वर्तमानोऽपि स योगी मयि वर्तते ॥31॥सर्व-भूत-सभी जीवों में स्थित; यः-जो; माम्-मुझको;…
Bhagwat Geeta
October 12, 2024
भगवद गीता: अध्याय 6, श्लोक 27
प्रशान्तमनसं ह्येनं योगिनं सुखमुत्तमम्।उपैति शान्तरजसं ब्रह्मभूतकल्मषम् ॥27॥===== प्रशान्त-शान्तिप्रियः मनसम्–मन; हि-निश्चय ही; एनम् यह; योगिनम्-योगी; सुखम्-उत्तमम्-परम…
Bhagwat Geeta
July 22, 2024
भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 44
भोगैश्वर्यप्रसक्तानां तयापहृतचेतसाम् |व्यवसायात्मिका बुद्धि: समाधौ न विधीयते || 44|| भोग-तृप्ति; ऐश्वर्य-विलासता; प्रसक्तानाम्-द्योर आसक्त पुरुष; तया-ऐसे…
Bhagwat Geeta
September 4, 2024
भगवद गीता: अध्याय 4, श्लोक 19
यस्य सर्वे समारम्भाः कामसङ्कल्पवर्जिताः।ज्ञानाग्निदग्धकर्माणं तमाहुः पण्डितं बुधाः ॥19॥ यस्य–जिसके; सर्वे प्रत्येक; समारम्भाः-प्रयास, काम-भौतिक सुख की…
Bhagwat Geeta
October 2, 2024
भगवद गीता: अध्याय 6, श्लोक 8
ज्ञानविज्ञानतृप्तात्मा कूटस्थो विजितेन्द्रियः।युक्त इत्युच्यते योगी समलोष्टाश्मकाञ्चनः ॥8॥ज्ञान-ज्ञान; विज्ञान-आंतरिक ज्ञान; तृप्त-आत्मा पूर्णतया संतुष्ट मनुष्य; कूट-स्थ:-अक्षुब्ध; विजित-इन्द्रियः-इन्द्रियों…
Bhagwat Geeta
September 28, 2024
भगवद गीता: अध्याय 5, श्लोक 27-28
स्पर्शान्कृत्वा बहिर्बाह्यांश्चक्षुश्चैवान्तरे भ्रुवोः।प्राणापानौ समौ कृत्वा नासाभ्यन्तरचारिणौ ॥27॥यतेन्द्रियमनोबुद्धिर्मुनिर्मोक्षपरायणः।विगतेच्छाभयक्रोधो यः सदा मुक्त एव सः ॥28॥स्पर्शान-इन्द्रिय विषयों से…
Bhagwat Geeta
August 22, 2024
भगवद गीता: अध्याय 3, श्लोक 39
आवृतं ज्ञानमेतेन ज्ञानिनो नित्यवैरिणा ।कामरूपेण कौन्तेय दुष्पूरेणानलेन च ॥39॥आवृतम्-आच्छादित होना; ज्ञानम्-ज्ञान; एतेन–इससे; ज्ञानिन–ज्ञानी पुरुष; नित्यवैरिणा-कट्टर…