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भगवद गीता: अध्याय 3, श्लोक 11
देवान्भावयतानेन ते देवा भावयन्तु वः ।परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथ ॥11॥देवान्–स्वर्ग के देवताओं को; भावयता–प्रसन्न होंगे; अनेन–इन यज्ञों से; ते–वे; देवाः-स्वर्ग…
Read More » भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 68
तस्माद्यस्य महाबाहो निगृहीतानि सर्वशः ।इन्द्रियाणीन्द्रियार्थेभ्यस्तस्य प्रज्ञा प्रतिष्ठिता ॥68॥तस्मात्-इसलिए; यस्य–जिसकी; महाबाहो-महाबलशाली; निगृहीतानि-विरक्त; सर्वशः-सब प्रकार से; इन्द्रियाणि-इन्द्रियाँ इन्द्रिय-अर्थेभ्यः-इन्द्रिय विषयों से; तस्य-उस व्यक्ति…
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Hindu Deities

सावन में शिव की पूजा कैसे करें: एक संपूर्ण मार्गदर्शिका
सावन का महीना हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह महीना भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष…
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Hindu Deities

क्या राधा और कृष्ण का विवाह हुआ था?
प्रस्तावना हिंदू धर्म में राधा और कृष्ण की प्रेम कथा सबसे प्रसिद्ध और मनमोहक कहानियों में से एक है। यह…
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Hindu Deities

महादेव ने विष क्यों पिया: एक अद्भुत कथा का विश्लेषण
प्रस्तावना हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान शिव का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके जीवन से जुड़ी अनेक कहानियाँ हमें जीवन…
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Hindu Deities

गाय की पूजा: भारतीय संस्कृति में एक पवित्र परंपरा
भारतीय संस्कृति में गाय को माता के समान माना जाता है। हिंदू धर्म में गाय को पूजनीय और पवित्र जानवर…
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Hindu Deities

कुबेर भगवान: धन और समृद्धि के देवता
प्रस्तावना हिंदू धर्म में कई देवी-देवताओं का वर्णन मिलता है, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशेष महत्व और कार्यक्षेत्र होता…
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Hindu Deities

गणेश जी की पत्नी: रिद्धि और सिद्धि
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, गणेश जी की दो पत्नियाँ हैं – रिद्धि और सिद्धि। ये दोनों देवियाँ समृद्धि, सफलता…
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Bhagwat Geeta

भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 32
यदृच्छया चोपपन्नं स्वर्गद्वारमपावृतम् ।सुखिनः क्षत्रियाः पार्थ लभन्ते युद्धमीदृशम् ॥32॥ यदृच्छया-बिना इच्छा के; च-भी; उपपन्नम्-प्राप्त होना; स्वर्ग-स्वर्गलोक का; द्वारम्-द्वार; अपावृतम्-खुल जाता…
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Bhagwat Geeta

भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 31
स्वधर्ममपि चावेक्ष्य न विकम्पितुमर्हसि ।धााद्धि युद्धाच्छ्रेयोऽन्यत्क्षत्रियस्य न विद्यते ॥31॥ स्व-धर्मम्-वेदों के अनुसार निर्धारित कर्त्तव्य; अपि-भी; च-और; अवेक्ष्य–विचार कर; न नहीं;…
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