-
Hindu Deities

श्री गणेश: विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता
गणपति बप्पा मोरया! भारतीय संस्कृति में श्री गणेश का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे न केवल हिंदू धर्म के प्रमुख…
Read More » -
Hindu Deities

मां लक्ष्मी: समृद्धि और सौभाग्य की देवी
परिचय हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं। उनकी…
Read More » -
Bhagwat Geeta

भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 9
सञ्जय उवाच। एवमुक्त्वा हृषीकेशं गुडाकेशः परन्तप।न योत्स्य इति गोविन्दमुक्त्वा तूष्णीं बभूव ह ॥9॥सञ्जयः उवाच-संजय ने कहा; एवम्-इस प्रकार; उक्त्वा -कहकर;…
Read More » -
Blog

भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 8
न हि प्रपश्यामि ममापनुद्याद्य-च्छोकमुच्छोषणमिन्द्रियाणाम्।अवाप्य भूमावसपत्नमृद्धंराज्यं सुराणामपि चाधिपत्यम् ॥8॥ न–नहीं; हि-निश्चय ही; प्रपश्यामि मैं देखता हूँ; मम–मेरा; अपनुद्यात्-दूर कर सके; यत्-जो;…
Read More » -
Bhagwat Geeta

भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 7
कार्पण्यदोषोपहतस्वभावः पृच्छामि त्वां धर्मसम्मूढचेताः।यच्छ्रेयः स्यानिश्चितं ब्रूहि तन्मे शिष्यस्तेऽहं शाधि मां त्वां प्रपन्नम् ॥7॥कार्पण्य-दोष-कायरता का दोष; उपहत-ग्रस्त; स्वभावः-प्रकृति, पृच्छामि में पूछ…
Read More » भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 6
न चैतद्विद्मः कतरन्नो गरीयो यद्वा जयेम यदि वा नो जयेयुः। यानेव हत्वा न जिजीविषाम स्तेऽवस्थिताः प्रमुखे धार्तराष्ट्राः ॥6॥ न–नहीं; च-और;…
Read More »-
Hindu Deities

कृष्ण के जीवन में पत्नियों का महत्व: एक गहन विश्लेषण
प्रस्तावना: कृष्ण की विवाह गाथा का रहस्य हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके जीवन के…
Read More » -
Hindu Deities

शिव और सती की अमर प्रेम कथा
प्रस्तावना हिंदू पौराणिक कथाओं में शिव और सती की प्रेम कहानी एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह कहानी प्यार,…
Read More » -
Bhagwat Geeta

भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 5
गुरूनहत्वा हि महानुभावान् श्रेयो भोक्तुं भैक्ष्यमपीह लोके ।हत्वार्थकामांस्तु गुरूनिहैव भुजीय भोगान् रुधिरप्रदिग्धान् ॥5॥गुरून्–शिक्षक; अहत्वा-न मारना; हि-निःसंदेह; महा-अनुभावान्-आदरणीय वयोवृद्ध को; श्रेयः-उत्तम;…
Read More » -
Bhagwat Geeta

भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 4
अर्जुन उवाच।कथं भीष्ममहं सङ्ख्ये द्रोणं च मधुसूदन।इषुभिः प्रतियोत्स्यामि पूजाह्नवरिसूदन ॥4॥ अर्जुन उवाच-अर्जुन ने कहा; कथम् कैसे; भीष्मम्-भीष्म को; अहम् मे;…
Read More »








