उल्टी और मिचली के लिए घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे – बच्चों और बड़ों दोनों के लिए

उल्टी (Chardi) और मिचली (Matli) ऐसी आम समस्याएं हैं जो किसी को भी हो सकती हैं — कभी खराब भोजन, पाचन की गड़बड़ी, वायरल संक्रमण, ट्रैवल या तनाव के कारण। हल्की-फुल्की उल्टी या मिचली को घर पर ही ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर यह बार-बार हो तो शरीर में पानी की कमी (dehydration) और कमजोरी हो सकती है।
आयुर्वेद के अनुसार, उल्टी मुख्य रूप से पित्त दोष (Pitta Dosha) के असंतुलन के कारण होती है। जब शरीर में पित्त (अग्नि तत्व) बढ़ जाता है, तो यह पाचन को बिगाड़ देता है और उल्टी या मिचली जैसी स्थिति उत्पन्न होती है।
आइए जानते हैं कुछ सुरक्षित, असरदार और सरल आयुर्वेदिक नुस्खे, जो बच्चों और बड़ों दोनों के लिए लाभदायक हैं।
🪴 1. अदरक (Ginger) – उल्टी रोकने का सबसे प्रभावी उपाय
अदरक पेट को शांत करता है, पाचन सुधारता है और शरीर के अंदर के विषाक्त पदार्थों को निकालता है।
कैसे करें इस्तेमाल:
- बड़ों के लिए: 1 चम्मच अदरक का रस और 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार लें।
- बच्चों के लिए (3 वर्ष से ऊपर): 2-3 बूंद अदरक का रस शहद में मिलाकर दिन में एक बार दें।
- चाहें तो अदरक की चाय बनाकर धीरे-धीरे पिएं।
लाभ:
मिचली, ट्रैवल सिकनेस और गर्भावस्था में होने वाली मॉर्निंग सिकनेस में बहुत लाभदायक।
🌿 2. सौंफ (Fennel) – ठंडक और पाचन का संतुलन
सौंफ में ठंडक और पाचन बढ़ाने वाले गुण होते हैं। यह एसिडिटी या ज्यादा खाने के कारण होने वाली उल्टी में राहत देती है।
कैसे करें इस्तेमाल:
- 1 चम्मच सौंफ को एक कप पानी में 5–7 मिनट उबालें।
- छानकर गुनगुना होने पर धीरे-धीरे पिएं।
- खाने के बाद आधा चम्मच भूनी सौंफ चबाना भी फायदेमंद है।
लाभ:
पेट में गैस, जलन और मिचली से राहत। बच्चों के लिए भी सुरक्षित।
🌿 3. पुदीना (Mint) – ठंडक और ताजगी का स्रोत
पुदीना पेट को ठंडक देता है और पित्त दोष को संतुलित करता है। इसका स्वाद और सुगंध मिचली को तुरंत कम करता है।
कैसे करें इस्तेमाल:
- कुछ पुदीने की पत्तियां पीसकर रस निकाल लें।
- 1 चम्मच पुदीना रस में 1 चम्मच नींबू रस और एक चुटकी सेंधा नमक मिलाकर दिन में दो बार पिएं।
- बच्चों के लिए: पुदीना की पत्तियां उबालकर ठंडा पानी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दें।
लाभ:
पेट को ठंडक, राहत और ताजगी प्रदान करता है।
🌿 4. इलायची (Cardamom) – स्वादिष्ट और कोमल राहत
इलायची पेट की जलन और घबराहट कम करती है, खासकर जब उल्टी तनाव या यात्रा के कारण हो।
कैसे करें इस्तेमाल:
- 1–2 हरी इलायची को पीसकर एक कप पानी में उबालें।
- ठंडा होने पर धीरे-धीरे पिएं।
- चाहें तो सीधे इलायची चबाएं।
लाभ:
यात्रा के दौरान मिचली या उल्टी में तुरंत राहत देती है।
🌿 5. नींबू (Lemon) – शरीर को डिटॉक्स करने वाला उपाय
नींबू पेट के एसिड को संतुलित करता है और शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता। इसकी खुशबू भी मिचली कम करती है।
कैसे करें इस्तेमाल:
- 1 चम्मच नींबू रस में एक चुटकी सेंधा नमक और थोड़ा शहद मिलाएं।
- गुनगुने पानी के साथ धीरे-धीरे पिएं।
- बच्चों के लिए: थोड़े से नींबू रस को पानी में मिलाकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दें।
लाभ:
भोजन की गड़बड़ी, ट्रैवल या एसिडिटी से हुई उल्टी में आराम।
🌿 6. जीरा (Cumin) – पाचन को दुरुस्त रखे
जीरा पेट को शांत करता है और पाचन में मदद करता है। यह उल्टी और मिचली दोनों में बहुत उपयोगी है।
कैसे करें इस्तेमाल:
- 1 चम्मच जीरा एक कप पानी में 5 मिनट तक उबालें।
- छानकर हल्का गुनगुना पी लें।
- ½ चम्मच जीरा पाउडर और ½ चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार भी लिया जा सकता है।
लाभ:
पाचन सुधारे, गैस और मिचली से राहत दिलाए।
🌿 7. लौंग (Clove) – झटपट राहत देने वाला उपाय
लौंग में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इमेटिक गुण होते हैं जो उल्टी को तुरंत रोकते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल:
- 2 लौंग एक कप पानी में उबालें, ठंडा करें और धीरे-धीरे पिएं।
- या एक लौंग मुंह में रखकर चूसें।
लाभ:
पेट की गड़बड़ी या ट्रैवल से हुई मिचली में राहत।
🌿 8. धनिया (Coriander) – ठंडक और पित्त संतुलन
धनिया के बीज पित्त को शांत करते हैं और एसिडिटी से हुई उल्टी में मदद करते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल:
- 1 चम्मच धनिया बीज को 1 कप पानी में 10 मिनट तक उबालें।
- छानकर हल्का गुनगुना पीएं।
- चाहें तो स्वाद के लिए थोड़ा शहद मिला सकते हैं।
लाभ:
एसिडिटी, मिचली और पित्त दोष से राहत।
🧘♀️ आयुर्वेदिक जीवनशैली सुझाव (Lifestyle Tips)
- दिन में कई बार हल्का और पचने वाला भोजन करें।
- तला-भुना, मसालेदार और खट्टा भोजन कुछ समय के लिए बंद करें।
- दिनभर गुनगुना पानी पिएं।
- भोजन के तुरंत बाद न लेटें।
- गहरी सांस या ध्यान (Meditation) करें ताकि तनाव से होने वाली मिचली कम हो।
- यात्रा के समय अदरक कैंडी या नींबू-पानी अपने पास रखें।
- तेज़ गंध या परफ्यूम से बचें, क्योंकि यह मिचली बढ़ा सकता है।

⚠️ कब डॉक्टर को दिखाएं
अगर उल्टी या मिचली लगातार बनी रहे तो डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें, खासकर इन स्थितियों में:
- 24 घंटे से ज्यादा उल्टी जारी रहे।
- उल्टी में खून आए।
- व्यक्ति पानी भी न पी पाए।
- शरीर में पानी की कमी के लक्षण दिखें (सूखे होंठ, चक्कर, कम पेशाब)।
बच्चों के लिए: कुछ घंटों से ज़्यादा उल्टी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
आयुर्वेद कहता है कि स्वस्थ पाचन अग्नि (Agni) ही अच्छे स्वास्थ्य की नींव है।
उल्टी और मिचली शरीर के असंतुलन का संकेत हैं, खासकर जब पित्त दोष बढ़ जाता है।
अदरक, सौंफ, पुदीना, जीरा और नींबू जैसे सरल आयुर्वेदिक नुस्खे न केवल इन लक्षणों को शांत करते हैं बल्कि पाचन को मजबूत बनाते हैं और शरीर को संतुलन में लाते हैं।
🌿 प्रकृति के इन सरल उपायों से पाएं राहत — सुरक्षित, असरदार और पूरी तरह प्राकृतिक तरीके से।
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