Holi 2026: रंगों के त्योहार की सम्पूर्ण गाइड – शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और चमत्कारी उपाय

होली 2026 कब है? When is Holi in 2026
Holi 2026 का पावन पर्व 4 मार्च 2026, बुधवार को मनाया जाएगा। इससे एक दिन पहले यानी 3 मार्च 2026, मंगलवार को होलिका दहन होगा। यह फाल्गुन मास की पूर्णिमा को आता है और पूरे भारत में अपार उत्साह के साथ मनाया जाता है।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 2026
होलिका दहन 3 मार्च 2026 को शाम 6:23 बजे से 8:51 बजे तक किया जाएगा। यह प्रदोष काल में होता है जो सबसे शुभ माना जाता है।
होली क्या है और क्यों मनाते हैं?
होली भारत का सबसे रंगीन और खुशियों भरा त्योहार है। इसे रंगों का त्योहार, प्यार का त्योहार और वसंत का उत्सव भी कहते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
होली मनाने के पीछे की कहानियां || Stories behind Holi
प्रहलाद और होलिका की पौराणिक कथा:
राक्षस राज हिरण्यकश्यप ने खुद को भगवान मान लिया था और सबसे अपनी पूजा करवाता था। लेकिन उसका पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को बुलाया। होलिका को आग में न जलने का वरदान था।
उसने प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठी, लेकिन भगवान की कृपा से प्रहलाद बच गए और होलिका जलकर राख हो गई। तभी से होलिका दहन की परंपरा शुरू हुई।
राधा-कृष्ण की दिव्य लीला:
भगवान कृष्ण ने राधा और गोपियों के साथ रंगों से होली खेली थी। कहते हैं कि कृष्ण जी अपने सांवले रंग को लेकर चिंतित थे और राधा के गोरे रंग से जलते थे। मां यशोदा ने मजाक में कहा कि राधा के चेहरे पर रंग लगा दो, तब से ब्रज में होली का विशेष महत्व है।
वसंत ऋतु का स्वागत:
होली वसंत के आगमन का उत्सव है। सर्दी विदा होती है और खुशनुमा मौसम आता है। खेतों में फसलें लहलहाती हैं और प्रकृति रंगों से सज जाती है।
होलिका दहन 2026 की पूजा विधि
पूजा की तैयारी
होलिका स्थापना: पूजा स्थल को गंगाजल और गोबर से साफ करें। सूखी लकड़ियां, घास-फूस, और गोबर के उपले इकट्ठे करें।
पूजा सामग्री:
- गुलाल और रोली
- अक्षत (चावल)
- फूल माला
- नारियल
- गेहूं की बालियां
- गुड़ और चना
- धूप-दीप
- कलावा (मौली)
होलिका दहन की विधि
- संकल्प लें: दाहिने हाथ में जल, चावल, फूल और सिक्का लेकर संकल्प करें
- गणेश पूजन: सबसे पहले भगवान गणेश को चावल और फूल अर्पित करें
- नरसिंह भगवान की पूजा: भगवान नरसिंह और प्रहलाद का आह्वान करें
- होलिका को अर्पण: होलिका को फूल, धूप, दाल, हल्दी, नारियल अर्पित करें
- परिक्रमा: होलिका के चारों ओर 3 से 5 बार परिक्रमा करें
- जलाना: शुभ मुहूर्त में होली प्रज्वलित करें
- जल अर्पण: जलती होली में जल का घड़ा चढ़ाएं
- प्रसाद: भुनी हुई गेहूं, चना और मक्की घर लाएं
होली 2026 कैसे मनाएं?
सुबह की खास तैयारी
तेल या क्रीम लगाएं: रंग खेलने से पहले पूरे शरीर, बालों और चेहरे पर नारियल तेल या कोल्ड क्रीम लगाएं। यह त्वचा को रंगों के नुकसान से बचाता है और रंग आसानी से उतर जाता है।
पुराने कपड़े पहनें: ऐसे कपड़े चुनें जो खराब हो जाएं तो कोई फर्क न पड़े। सफेद या हल्के रंग के सूती कपड़े बेहतर रहते हैं।
आंखों की सुरक्षा: धूप का चश्मा पहनना अच्छा विकल्प है।
सुरक्षित होली खेलने के नियम
प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें:
बाजार में मिलने वाले केमिकल वाले रंगों से दूर रहें। घर पर बने प्राकृतिक रंग इस्तेमाल करें:
- हल्दी से पीला रंग
- चुकंदर से लाल रंग
- पालक से हरा रंग
- मेहंदी से नारंगी रंग
सबका सम्मान करें:
- जो होली नहीं खेलना चाहते, उन्हें जबरदस्ती न रंगें
- बुजुर्गों के पैर छूकर टीका लगाएं
- गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के साथ सावधानी बरतें
- अनजान लोगों को परेशान न करें
सुरक्षा पहले:
- आंखों में रंग न डालें
- कानों और नाक में पानी न जाने दें
- शराब पीकर होली न खेलें
- पानी की बर्बादी न करें
होली के लाजवाब पकवान
होली का असली मजा इसके स्वादिष्ट व्यंजनों में है। होली 2026 पर ये पारंपरिक व्यंजन जरूर बनाएं:
गुजिया: होली की सबसे खास मिठाई। खोया, सूखे मेवे, नारियल और गुड़ से भरी कुरकुरी गुजिया हर घर में बनती है।
ठंडाई: केसर, बादाम, पिस्ता, सौंफ, इलायची से बनी ठंडाई होली का राजा है। इसमें भांग मिलाकर भी बनाई जाती है।
दही भल्ले: दही में डूबे मुलायम भल्ले गर्मी में बहुत राहत देते हैं। ऊपर से इमली की चटनी और मसाले छिड़के।
मालपुआ: गुड़, मैदे और खोए से बने मालपुए बहुत स्वादिष्ट होते हैं। रबड़ी के साथ परोसें।
पूरन पोली: महाराष्ट्र और गुजरात में खासतौर से बनाई जाती है। चने की दाल और गुड़ की मीठी पूरी।
तंदूरी समोसे और पकौड़े: नमकीन व्यंजनों में आलू समोसे, प्याज पकौड़े और पनीर टिक्की बेहतरीन हैं।
पापड़ और चिप्स: आलू चिप्स, बनाना चिप्स और विभिन्न तरह के पापड़।
भारत के अलग-अलग शहरों में होली का जश्न
मथुरा-वृंदावन की विश्व प्रसिद्ध होली
मथुरा और वृंदावन में होली का उत्सव कई हफ्तों तक चलता है। यहां की होली भगवान कृष्ण की लीलाओं से जुड़ी है।
बरसाना की लठमार होली: यह होली से लगभग 6-7 दिन पहले मनाई जाती है। यहां महिलाएं पुरुषों को लाठियों से मारती हैं और पुरुष ढाल से बचाव करते हैं। राधा-कृष्ण की प्रेम लीला को दर्शाता यह अनोखा आयोजन है।
फूलों की होली: वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में फूलों से होली खेली जाती है। यह बेहद खूबसूरत और शांतिपूर्ण होता है।
वाराणसी की आध्यात्मिक होली
वाराणसी में होली गंगा घाट पर मनाई जाती है। यहां लोग शरीर पर उबटन लगाकर होली खेलते हैं। शाम को गंगा आरती का अद्भुत नजारा होता है।
उदयपुर की शाही होली
उदयपुर में मेवाड़ के शाही परिवार द्वारा होलिका दहन की रस्म निभाई जाती है। सजे-धजे हाथी और ऊंट की शोभायात्रा निकाली जाती है। सिटी पैलेस में भव्य आतिशबाजी होती है।
जयपुर की रंगीली होली
जयपुर के गोविंद देव जी मंदिर में होली का उत्सव एक हफ्ते से ज्यादा चलता है। यहां की सड़कों पर रंगों की बौछार होती है। होटलों में विशेष होली पार्टियां आयोजित होती हैं।
दिल्ली की मॉडर्न होली
दिल्ली में होली बेहद जोशीले तरीके से मनाई जाती है। यहां पारंपरिक होली के साथ-साथ होली पार्टियां, DJ इवेंट्स और कॉन्सर्ट्स भी होते हैं।
पुष्कर की कपड़ा फाड़ होली
अजमेर के पास पुष्कर में “कपड़ा फाड़ होली” खेली जाती है। यहां पुरुष अपनी शर्ट फाड़कर होली खेलते हैं। यह बेहद मजेदार परंपरा है।
शांतिनिकेतन का बसंत उत्सव
पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में होली को “बसंत उत्सव” के रूप में मनाया जाता है। यहां रवींद्रनाथ टैगोर के गीतों पर नृत्य और संगीत कार्यक्रम होते हैं। बाउल गायक अपने मधुर गीत गाते हैं।
होली से जुड़ी खास बातें
भांग और ठंडाई का रिश्ता
होली पर भांग की ठंडाई पीने की परंपरा है। लेकिन इसे सीमित मात्रा में ही लें। अधिक मात्रा में भांग नुकसानदेह हो सकती है। बच्चों को बिना भांग की ठंडाई दें।
रंग उतारने के आसान तरीके
शरीर से रंग हटाने के लिए:
- पहले सूखा रंग हटाएं
- मुल्तानी मिट्टी और दही का लेप लगाएं
- बेसन और दूध की मालिश करें
- नींबू और नारियल तेल मिलाकर लगाएं
- बार-बार साबुन न लगाएं
बालों से रंग हटाने के लिए:
- तेल से मसाज करें
- दही लगाएं
- शैंपू का इस्तेमाल कम करें
पर्यावरण के अनुकूल होली
होली 2026 को पर्यावरण के अनुकूल बनाएं:
- प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें
- पानी की बचत करें
- सूखी होली खेलें (ड्राई होली)
- जानवरों को रंग न लगाएं। आपका त्योहार सिर्फ आपका नही है, बेजुबान भी उतने ही हक़दार हैं जितने की आप
बच्चों के लिए होली टिप्स
छोटे बच्चों के साथ होली:
- हल्के रंगों का इस्तेमाल करें
- गुलाल से ही खेलें। ये निश्चित करें की गुलाल अच्छे वाला है एवं प्राकृतिक ही है
- ज्यादा देर तक न खेलने दें
- आंख, नाक, मुंह में रंग न जाने दें
- खेलने के बाद जल्दी नहलाएं
- त्वचा पर क्रीम लगाएं
होली के बाद का ध्यान
त्वचा की देखभाल:
- चेहरे पर मॉइस्चराइजर लगाएं
- एलोवेरा जेल लगाएं
- खूब पानी पिएं
- धूप में न निकलें
अगर एलर्जी हो:
- तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- ठंडे पानी से धोएं
- खुजली न करें
होली का सामाजिक संदेश
होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं है। यह हमें कई संदेश देता है:
भेदभाव मिटाना: होली के दिन सब बराबर होते हैं। अमीर-गरीब, ऊंच-नीच का भेद मिट जाता है
माफी और प्यार: पुरानी कड़वाहटें भूलकर सबको गले लगाएं। दुश्मन को भी माफ कर दें।
खुशियां बांटना: गरीबों के घर गुजिया और मिठाइयां पहुंचाएं। जरूरतमंदों की मदद करें।
प्रकृति का सम्मान: वसंत ऋतु के स्वागत में प्रकृति को धन्यवाद दें।
होली पर शायद रंग ही इसलिए लगाया जाता है जिससे सब एक जैसे हो जाए, किसी से कोई वैर नहीं और दुश्मनी। जैसे रंग लगाया उसी के नीचे छुपा दिया सब बुराइयों को। क्षमा कर देना
विदेशों में होली
अमेरिका में होली
अमेरिका में भारतीय समुदाय द्वारा बड़े स्तर पर होली मनाई जाती है। न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया में होली इवेंट्स होते हैं।
यूके में होली
लंदन में हर साल बड़ा होली फेस्टिवल आयोजित होता है। हजारों लोग इसमें शामिल होते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में होली
सिडनी और मेलबर्न में होली पार्क में मनाई जाती है। DJ और म्यूजिक के साथ रंगों का जश्न होता है।
त्रिनिदाद और टोबैगो
यहां होली “फागवा” के नाम से मनाई जाती है। “चौताल” गीत गाए जाते हैं और ढोलक-मजीरा बजाया जाता है।
होली 2026 की विशेष बातें
होली 2026 बुधवार को पड़ रही है, इसलिए बहुत से लोगों को लंबा वीकेंड मिल सकता है। यह घूमने-फिरने और परिवार के साथ समय बिताने का सुनहरा मौका है।
होली यात्रा की योजना
अगर आप होली 2026 पर कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो:
- होटल पहले से बुक करें
- ट्रेन/फ्लाइट टिकट एडवांस में लें
- मथुरा-वृंदावन जाने के लिए 2-3 दिन पहले पहुंचें
- उदयपुर, जयपुर में होली पैकेज बुक करें
निष्कर्ष
होली 2026 रंगों, खुशियों और प्यार का अद्भुत उत्सव है। 4 मार्च 2026, बुधवार को यह पर्व पूरे भारत में मनाया जाएगा। इस दिन सभी भेदभाव भूलकर, एक-दूसरे को रंग लगाकर, गले मिलकर इस त्योहार को यादगार बनाएं।
प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें, पानी की बचत करें, और सबका सम्मान करें। होली का असली मतलब है प्यार और भाईचारा फैलाना।
बुरा न मानो, होली है! 🎨
हैप्पी होली 2026! रंगों के इस त्योहार को सुरक्षित और खुशियों से भरपूर मनाएं!
नोट: होली की तिथि चंद्र पंचांग के अनुसार निर्धारित होती है। अपने क्षेत्र के स्थानीय पंचांग से सटीक तिथि और मुहूर्त की जानकारी जरूर लें।
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