Bhagavad Geeta

  • Bhagwat Geetamahabharata why lord krishna involve kurukshetra war 59739222 sanatan

    भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 32

    यदृच्छया चोपपन्नं स्वर्गद्वारमपावृतम् ।सुखिनः क्षत्रियाः पार्थ लभन्ते युद्धमीदृशम् ॥32॥ यदृच्छया-बिना इच्छा के; च-भी; उपपन्नम्-प्राप्त होना; स्वर्ग-स्वर्गलोक का; द्वारम्-द्वार; अपावृतम्-खुल जाता…

    Read More »
  • Bhagwat Geetab84d10c7b3d644834531194ab56b5ba8 sanatan

    भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 31

    स्वधर्ममपि चावेक्ष्य न विकम्पितुमर्हसि ।धााद्धि युद्धाच्छ्रेयोऽन्यत्क्षत्रियस्य न विद्यते ॥31॥ स्व-धर्मम्-वेदों के अनुसार निर्धारित कर्त्तव्य; अपि-भी; च-और; अवेक्ष्य–विचार कर; न नहीं;…

    Read More »
  • Bhagwat Geetahuman body have a soul txj9 sanatan

    भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 30

    देही नित्यमवध्योऽयं देहे सर्वस्य भारत ।तस्मात्सर्वाणि भूतानि न त्वं शोचितुमर्हसि ॥30॥ देही–शरीर में निवास करने वाली जीवात्मा; नित्यम्-सदैव; अवध्यः-अविनाशी; अयम्…

    Read More »
  • Bhagwat Geeta1000 F 574817620 UH6Fluit0eSnuP9ym1wAuVIA8UyQMepn sanatan

    भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 29

    आश्चर्यवत्पश्यति कश्चिदेन माश्चर्यवद्वदति तथैव चान्यः।आश्चर्यवच्चैनमन्यः शृणोति श्रुत्वाप्येनं वेद न चैव कश्चित् ॥29॥आश्चर्यवत्-आश्चर्य के रूप में; पश्यति-देखता है; कश्चित्-कोई; एनम् इस…

    Read More »
  • Bhagwat Geetasoul and body 1 sanatan

    भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 28

    अव्यक्तादीनि भूतानि व्यक्तमध्यानि भारत।अव्यक्तनिधनान्येव तत्र का परिदेवना ॥28॥ अव्यक्त-आदीनि-जन्म से पूर्व अप्रकट; भूतानि-सभी जीव; व्यक्त–प्रकट; मध्यानि-मध्य में; भारत-भरतवंशी, अर्जुन; अव्यक्त–अप्रकट;…

    Read More »
  • Bhagwat Geetasoul and body 1 sanatan

    भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 27

    जातस्य हि ध्रुवो मृत्युर्बुवं जन्म मृतस्य च।तस्मादपरिहार्येऽर्थे न त्वं शोचितुमर्हसि ॥27॥जातस्य-वह जो जन्म लेता है; हि-के लिए; ध्रुवः-निश्चय ही; मृत्युः-मृत्युः…

    Read More »
  • Bhagwat Geeta1000 F 574817620 UH6Fluit0eSnuP9ym1wAuVIA8UyQMepn sanatan

    भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 26

    अथ चैनं नित्यजातं नित्यं वा मन्यसे मृतम्।तथापि त्वं महाबाहो नैवं शोचितुमर्हसि ॥26॥ अथ-यदि, फिर भी; च-और; एनम्-आत्मा; नित्य-जातम्-निरन्तर जन्म लेने…

    Read More »
  • Bhagwat Geetameditation 1384758 1280 1 sanatan

    भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 25

    अव्यक्तोऽयमचिन्त्योऽयमविकार्योऽयमुच्यते।तस्मादेवं विदित्वैनं नानुशोचितुमर्हसि ॥25॥अव्यक्त:-अप्रकट; अयम्-यह आत्मा; अचिन्त्यः-अकल्पनीयः अयम्-यह आत्मा; अविकार्य:-अपरिवर्तित; अयम्-यह आत्मा; उच्यते-कहलाता है; तस्मात् इसलिए; एवम्-इस प्रकार; विदित्वा-जानकर; एनम्…

    Read More »
  • Bhagwat Geetahuman body have a soul txj9 sanatan

    भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 24

    अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च ।नित्यः सर्वगतः स्थाणुरचलोऽयं सनातनः ॥24॥ अच्छेद्यः-खण्डित न होने वाला; अयम्-यह आत्मा; अदाह्यः-भिगोया न जा सकने वाला; अयम्-यह…

    Read More »
  • Bhagwat Geetasoul and body 1 sanatan

    भगवद गीता: अध्याय 2, श्लोक 23

    नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः ।न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ॥23॥न–नहीं; एनम्-इस आत्मा को; छिन्दन्ति-टुकड़े-टुकड़े; शस्त्राणि-शस्त्र द्वारा; न-नहीं;…

    Read More »
Back to top button
Translate »