भाई दूज 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

भाई दूज, जिसे भाई फोटा, भाऊ बीज या यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है, भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का एक पवित्र त्योहार है। यह पर्व दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाता है। 2025 में भाई दूज का त्योहार 23 अक्टूबर (गुरुवार) को मनाया जाएगा।
🌞 भाई दूज 2025 की तिथि और मुहूर्त
- भाई दूज 2025 की तारीख: 23 अक्टूबर, गुरुवार
- द्वितीया तिथि प्रारंभ: 22 अक्टूबर 2025, रात 11:07 बजे
- द्वितीया तिथि समाप्त: 23 अक्टूबर 2025, रात 9:39 बजे
- भाई दूज पूजा मुहूर्त: सुबह 10:45 बजे से दोपहर 1:12 बजे तक
(मुहूर्त स्थान के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है)
🪔 भाई दूज का महत्व
भाई दूज सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है। बदले में भाई अपनी बहन को उपहार देकर उसका आशीर्वाद लेता है।
कहा जाता है कि जो भाई इस दिन अपनी बहन के घर तिलक करवाने जाता है, उसे दीर्घायु और यमराज से मुक्ति का वरदान मिलता है।
🙏 भाई दूज की पूजा विधि
- सबसे पहले बहन घर की सफाई कर पूजा स्थान तैयार करती है।
- भाई को आसन पर बिठाकर उसके माथे पर चंदन, रोली और अक्षत का तिलक करती है।
- फिर बहन आरती करती है और मिठाई खिलाती है।
- भाई बदले में बहन को उपहार, पैसे या मिठाई देता है।
- पूजा के बाद दोनों भाई-बहन भोजन साथ करते हैं।
📖 भाई दूज की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्यदेव की पुत्री यमुना अपने भाई यमराज को बहुत प्यार करती थीं। जब यमराज उनसे मिलने उनके घर पहुँचे, तो यमुना ने उनका सत्कार किया और तिलक लगाकर दीर्घायु की कामना की।
यमराज इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने कहा — “जो भाई इस दिन अपनी बहन से तिलक करवाएगा, उसे मृत्यु का भय नहीं रहेगा।”
तभी से यह दिन यम द्वितीया के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
💝 भाई दूज का सामाजिक महत्व
भाई दूज का संदेश है कि रिश्तों की ताकत प्यार और विश्वास में होती है, न कि दूरी या समय में। चाहे बहन कितनी भी दूर रहती हो, इस दिन वह अपने भाई के लिए दुआ करती है, और भाई भी अपनी बहन की सुरक्षा और खुशियों की जिम्मेदारी लेता है।
🏡 आधुनिक समय में भाई दूज का स्वरूप
आज के डिजिटल युग में, जब परिवार दूर-दूर रहते हैं, भाई दूज ने एक नया रूप ले लिया है।
बहनें वीडियो कॉल पर तिलक करती हैं, ऑनलाइन गिफ्ट भेजती हैं और यादों को सोशल मीडिया पर शेयर करती हैं। पर त्योहार की भावना वही पुरानी है — प्यार, अपनापन और एक-दूसरे के प्रति सम्मान।
🎁 भाई दूज पर क्या करें और क्या न करें
क्या करें:
✅ सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
✅ बहन के हाथों से तिलक करवाएं।
✅ मिठाई या भोजन साथ में करें।
✅ बहन को कुछ उपहार अवश्य दें।
क्या न करें:
❌ इस दिन झगड़ा या विवाद न करें।
❌ पूजा के समय अपवित्र वस्तुएं या अस्वच्छ कपड़े न पहनें।
❌ तिलक के बिना भोजन न करें।
भाई दूज हर भाई और बहन के जीवन का सबसे सुंदर दिन होता है। यह न केवल एक परंपरा है, बल्कि एक भावना है जो रिश्तों में मिठास और अपनापन लाती है।
2025 का भाई दूज मनाइए पूरे उत्साह, प्रेम और परिवार के साथ — क्योंकि यही दिन हमें याद दिलाता है कि रिश्तों की असली शक्ति साथ रहने में नहीं, साथ निभाने में है।
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